भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, और इसका संविधान भी विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। इस संविधान के निर्माण की प्रक्रिया और इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। वर्तमान में, भारतीय लोकतंत्र इसी संविधान के अनुसार संचालित होता है। क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान की मूल कॉपी कहां रखी गई है, इसे लिखने में कितना समय लगा, और किसने इसे लिखा था? इस लेख के माध्यम से हम इन सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे।
संविधान सभा का विचार किसने दिया?
संविधान सभा के विचार की शुरुआत 1934 में प्रसिद्ध विचारक मानवेंद्रनाथ राय ने की थी। उन्हें एम.एन. राय के नाम से भी जाना जाता है। इस विचार का उद्देश्य एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार करना था, जो स्वतंत्र भारत के लिए एक नई और प्रभावी व्यवस्था की नींव रखे। 1946 में इस विचार पर अमल किया गया, और संविधान सभा का गठन हुआ, जिसने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया।
संविधान को तैयार करने में कितना समय लगा?
भारतीय संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने, और 18 दिन का समय लगा। यह पूरी प्रक्रिया बहुत ही व्यवस्थित और विस्तृत थी, क्योंकि संविधान का हर अनुच्छेद भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश के लिए उपयुक्त होना चाहिए था। इस प्रकार, यह एक ऐसा दस्तावेज़ बना जो न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का मार्गदर्शन करता है, बल्कि नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।
संविधान की मूल कॉपी कहां रखी गई है?
संविधान की मूल हस्तलिखित कॉपी भारत की संसद के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी गई है। इसे विशेष रूप से बनाए गए एक बॉक्स में रखा गया है, जिसमें हीलियम गैस भरी गई है। यह प्रबंध इसलिए किया गया है ताकि दस्तावेज़ की स्याही का ऑक्सीकरण न हो और इसे लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सके। हीलियम गैस इस प्रक्रिया को धीमा कर देती है और दस्तावेज़ को खराब होने से बचाती है।
भारतीय संविधान को किसने लिखा था?
भारतीय संविधान की मूल हस्तलिखित कॉपी को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। उन्होंने संविधान को लिखने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया, बल्कि इसके बदले उन्होंने हर पन्ने पर अपना नाम लिखा। प्रेम बिहारी नारायण एक कुशल कैलिग्राफर थे, और उन्होंने पूरे संविधान को हाथ से लिखा, जिससे यह दस्तावेज़ न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण बना, बल्कि कलात्मक रूप से भी मूल्यवान हो गया।
संविधान का अलंकरण किसने किया?
संविधान के पन्नों को सजाने का काम प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस और उनके सहयोगी राममनोहर सिंह ने किया था। उनके द्वारा किए गए अलंकरण ने संविधान के प्रत्येक पन्ने को सुंदर और कलात्मक रूप से मूल्यवान बना दिया। संविधान के पहले पन्ने से लेकर अंतिम पन्ने तक, इन कलाकारों की मेहनत और रचनात्मकता झलकती है।