- गुजरी महल : गुजरी महल का निर्माण राजा मानसिंह तोमर ने अपनी प्रेमिका मृगनैनी के लिए 1486 से 1516 के मध्य करवाया था। राजा मानसिंह तोमर की प्रेमिका मृगनैनी गुजर जाति की थी इसलिए इस महल का नाम गुजरी महल प्रख्यात हो गया।
- जय विलास महल : यह महल ग्वालियर में स्थित है जीवाजी राव सिंधिया का निवास स्थल होने की वजह से इसे जय विलास राज महल कहा जाता है इस महल को पश्चात तरीके से बनाया गया है। यहां पर मौजूद संग्रहालय बहुत ही रोचक है
- मोती महल : मोती महल मध्य प्रदेश में दो जगह पर स्थित है, एक ग्वालियर में तथा दूसरा मंडला में। ग्वालियर में मौजूद मोती महल राजा जीवाजी राव का एक सुंदर और कलात्मक राजमहल था। यह महल कुछ दिनों तक एजी ऑफिस के रूप में भी इस्तेमाल किया गया था। जबकि दूसरा मोती महल मंडला से लगभग 16 किमी दूर रामनगर नाम के स्थान पर एक जंगल के बीच लगभग 25 मी की ऊंचाई पर मौजूद है। यह महल 25 मीटर लंबा और 61 मीटर चौड़ा महल है। इस महल का निर्माण गोंड नरेश हृदय शाह ने करवाया था, यह तीन मंजिला आयताकार महल है।
- बघेलीन महल : यह महल मंडला मेरी स्थित है मोती महल के पूर्व में 3 किमी दूर नर्मदा नदी के तट के किनारे बहुत ही सुंदर स्थल पर यह महल बना हुआ है और यह पर्यटकों के लिए एक मुख्य केंद्र है।
- मदन महल : यह महल जबलपुर की नगर की पहाड़ियों में मौजूद है। इस महल का निर्माण गोंड राजा मदन शाह ने वर्ष 1200 में करवाया था। यह महल बहुत बड़े पत्थर के ऊपर बनाया गया था महल गोंड कला का एक बेहतरीन नमूना है।
- खरबूजा महल : यह महल धार में स्थित एक बहुत ही पुरानी टूटी फूटी इमारत है। इस महल के ऊपर से पूरे धार नगर को देखा जा सकता है। इस महल का गुंबद खरबूजे की तरह गोल है इसलिए इसे खरबूजा महल कहते हैं। खरबूजा महल का निर्माण 16 शताब्दी में मुगलों के शासन में हिंदू कारीगरों के द्वारा बनाया गया था।
- राजा रोहित का महल : यह महल रायसेन में स्थित है इस महल का निर्माण राजा राज बसंती के द्वारा कराया गया था।
- बादल महल : यह महल भी रायसेन दुर्ग में स्थित है और इस महल का निर्माण 16 में शताब्दी में राजा राज बसंती के द्वारा करवाया गया था।
- हवा महल : यह महल चंदेरी के किलो में से एक है इस महल का निर्माण प्रतिहार राजा कीर्तिमान ने करवाया था
- नौखंडा महल : यह महल भी चंदेरी के किलो में से एक किला है जिसे राजा कीर्तिमान ग्यारहवीं शताब्दी में बनवाया था।
- रानी रूपमती का महल : यह महल मांडू से 3 किमी दूर रेवा कुंड में स्थित है यहां पर रानी रूपमती ने झील को चौड़ा करवाया और यहीं पर एक महल भी बाज बहादुर के द्वारा बनवाया था। ऐसा माना जाता है बाज बहादुर की प्रेमिका रानी रूपमती इस महल में रहा करती थी।
- दाई का महल : मांडू में ही एक तालाब के किनारे पर यह महल बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जब बादशाह अकबर खानदेश को जीतने के लिए आगरा से निकला था तब मार्ग पर यहीं पर उसने विश्राम किया था।
- अशरफी महल : यह महल मांडू की एक प्रमुख इमारत के रूप में मान्यता प्राप्त है इसकी बनावट एक कटोरी के रूप में है जो की इस महल की भव्यता को और बढ़ती है। इस महल को होशंगशाह के द्वारा 1405 और 1422 के बीच मे बनवाया गया था।
- राजमंदिर : यह एक बड़ा महल है बेतवा नदी के एक द्वीप में राजा वीर सिंह जु देव ने बनवाया था यह महल देखने में सुंदर और कलात्मक है यह इमारत ओरछा दुर्गा के पास ही स्थित है।
- जहांगीर महल : राजा वीर सिंह ने अपने मित्र जहांगीर के आराम करने के लिए ओरछा दुर्ग में सुंदर महल बनवाया था, इसी महल को जहांगीर महल कहते हैं, इस महल को बनाने मे 22 वर्ष लगे थे, जबकि जहांगीर सिर्फ एक रात ही इस महल मे बिताया था।
- राजा अमन का महल : 18 वीं शताब्दी में इस महल को अजयगढ़ दुर्ग में राजा अजयमान ने बनवाया था। इस महल को बनाने के लिए पत्थर में बारीक पच्चीकारी कराई गई थी।
- इतरमहल : यह महल रायसेन दुर्ग में स्थित है।
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