माइग्रेशन सर्टिफिकेट को हिंदी में प्रव्रजन प्रमाण पत्र या फिर प्रवासन प्रमाण पत्र के नाम से जानते हैं। यह एक सर्टिफिकेट होता हैं, जो की किसी बोर्ड या फिर विश्वविद्यालय से प्राप्त होती हैं। जब को विद्यार्थी किसी कालेज को छोड़ कर दूसरे कालेज में प्रवेश लेता हैं, और इस दौरान कालेज को नियंत्रित करने वाले विश्वविद्यालय में भी बदलाव हो रहा हो तब तब प्रवेशित कालेज में प्रव्रजन प्रमाण पत्र मांगा जाता हैं। सरल शब्दों में कहें तो जब आप विश्वविद्यालय बदलते हैं तब आपको पुराने विश्व विद्यालय से माइग्रेशन सर्टिफिकेट लेकर नए विश्वविद्यालय या फिर कालेज में जमा करना पड़ता हैं।
माइग्रेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता कब नही होती है
अगर आप अपना स्नातक या फिर पोस्ट ग्रेजुएट एक ही विश्वविद्यालय के अंतर्गत कर रहे हैं तो आपको माइग्रेशन की आवश्यकता नहीं होगी। अगर आप किसी दूसरे शहर के कालेज में पढ़ रहे थे फिर वहां से छोड़ कर आप किसी नए शहर में पढ़ाई करना चाह रहे हैं लेकिन दोनो शहर एक ही विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते हैं तो आपको इस स्थिति में भी माइग्रेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी।
टीसी और माइग्रेशन के बीच अंतर
बहुत से लोगो को लगता हैं की टीसी और माइग्रेशन एक ही प्रमाण पत्र हैं, लेकिन यहां पर स्पष्ट किया जाता हैं की यह एक दम से गलत हैं। टीसी और माइग्रेशन दोनो अलग अलग प्रमाण पत्र हैं।
टीसी किसी भी स्कूल या फिर कालेज के द्वारा प्रदान किया जाने वाला प्रमाण पत्र हैं जबकि माइग्रेशन स्टेट एजुकेशन बोर्ड या फिर विश्वविद्यालय के द्वारा प्रदान किया जाने वाला प्रमाण पत्र हैं।
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