धनतेरस कब है? धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए

इस साल, पंडित सूर्यमणि पांडेय के अनुसार, धनतेरस 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी, जो कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ रही है।

धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में आती है, और यह दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन होता है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी, और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

इस दिन को विशेष रूप से खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है, और लोग सोने, चांदी, बर्तन और अन्य वस्त्रों की खरीदारी करते हैं ताकि घर में धन, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहे।

धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए

धनतेरस का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन, हर चीज खरीदने के लिए धनतेरस का दिन सही नहीं होता। कुछ वस्तुएं ऐसी हैं, जिन्हें धनतेरस पर खरीदना अशुभ माना जाता है। अगर आप इस धनतेरस पर खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, तो इन चीजों से दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा। आइए जानते हैं, धनतेरस के दिन कौन सी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।

  1. नुकीली और धारदार चीजें न खरीदें : धनतेरस के दिन चाकू, कैंची, पिन, सुई जैसी नुकीली और धारदार चीजों को खरीदने से बचना चाहिए। ऐसी वस्तुओं को घर लाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि ये वस्तुएं घर की सुख-शांति में विघ्न डाल सकती हैं।
  2. लोहे की चीजें खरीदने से बचें : धनतेरस पर लोहे से बनी वस्तुएं खरीदना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लोहे का संबंध शनिदेव से होता है, और धनतेरस पर लोहे की चीजें खरीदने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है। अगर आपको कुछ खरीदना ही है, तो चांदी, तांबे या पीतल की चीजें खरीदें।
  3. एल्युमिनियम की वस्तुएं न खरीदें : धनतेरस के शुभ अवसर पर एल्युमिनियम से बने सामान की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। एल्युमिनियम को वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है, और इसे घर में लाने से दुर्भाग्य आने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, इस धातु से दूरी बनाएं और कोई अन्य धातु से बनी वस्तुएं लें।
  4. स्टील की चीजें न खरीदें : धनतेरस के दिन स्टील के बर्तन खरीदने की परंपरा तो है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्टील शुभ धातु नहीं है। स्टील पर राहु का प्रभाव होता है, और यह दुर्भाग्य का संकेत दे सकता है। बेहतर होगा कि आप तांबे या चांदी के बर्तन खरीदें, जो शुभ माने जाते हैं।
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धनतेरस पर शुभ और समृद्धि के लिए इन वस्तुओं को खरीदने से बचें, ताकि आपका घर सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहे।

धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए

धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए, यह सवाल अक्सर पूछा जाता है क्योंकि इस दिन की खरीदारी को विशेष रूप से शुभ और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। परंपरा के अनुसार, इस दिन सोने या चांदी के आभूषण खरीदने से आर्थिक स्थिरता आती है। पंडित जी के अनुसार, घर में नई झाड़ू लाना और धनिया खरीदना भी शुभ माना जाता है, जिससे घर में लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।

इसके अलावा, धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक वस्त्रों और रोजाना के उपयोग की वस्तुएं खरीदना भी प्रचलित है। इस दिन लोग अपने घर की जरूरतों के अनुसार चीजें खरीदकर पूरे साल सुख-समृद्धि और वैभव की कामना करते हैं।

धनतेरस पर कितने दीपक जलाते हैं

धनतेरस के दिन दीप जलाने का विशेष महत्व है, और इसे सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था, जिन्हें आयुर्वेद का जनक माना जाता है। इस दिन दीप जलाने से घर में धन और वैभव का आगमन होता है।

धनतेरस पर कितने दीपक जलाने चाहिए? धनतेरस के दिन 13 दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है। अगर आप 13 दीपक जलाने में असमर्थ हैं, तो आपको तीन प्रमुख स्थानों पर दीपक अवश्य जलाना चाहिए, जिससे घर में सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

  1. पूजाघर में अखंड दीपक : पूजाघर में अखंड दीपक जलाने से घर से निर्धनता दूर होती है। यह दीपक धनतेरस की शाम को जलाया जाता है और दीपावली या भैयादूज तक जलता रहना चाहिए। इससे वास्तु दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
  2. ईशान कोण में दीपक : ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में गाय के घी का दीपक जलाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। बत्ती में लाल रंग के धागे का उपयोग करना और दिए में केसर डालना शुभ माना जाता है। यह दीपक भी दीपावली तक जलाकर रखना चाहिए।
  3. मुख्य द्वार पर दीपक : मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाने और उसमें दो काली गुंजा डालने का उपाय आर्थिक अनुकूलता के लिए किया जाता है। इस दीपक को रातभर जलने देना चाहिए, जिससे अन्न और धन में वृद्धि होती है।

इस दिन विशेष रूप से यम का दीपक भी जलाया जाता है, जिससे परिवार को अकाल मृत्यु के संकट से मुक्ति मिलती है। यम का दीपक दीक्षिण दिशा में मुह करके प्रज्वलित करना चाहिए और यम देव को समर्पित करते हुये घर के लोगो के स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए। यम का दीपक प्रज्वलित करने के लिए, तिल का तेल इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद दीपक को अनाज भंडार के पास रख देना चाहिए

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इन उपायों के माध्यम से आप धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने घर में सुख-समृद्धि ला सकते हैं।

धनतेरस पर धनिया क्यों खरीदना चाहिए

धनतेरस के दिन धनिया के बीज खरीदना शुभ माना जाता है। इसे मां लक्ष्मी की पूजा में अर्पित किया जाता है, जिससे घर में धन और समृद्धि आती है। धनिया को पूजा के बाद प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में मेहनत का फल मिलता है।

धनिया के बीजों को तिजोरी में रखने से इसे बरकत और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। पूजा के बाद, इस धनिये को मां लक्ष्मी के चरणों से उठाकर तिजोरी में रख लेना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में इसे घर में धन-धान्य की कमी दूर करने का उपाय माना गया है।

धनतेरस के दिन खरीदे गए धनिया के बीजों को दीपावली के बाद खेतों या बगीचों में बोने की परंपरा भी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से फसलों और बाग-बगीचों में कई गुना अधिक उत्पादन होता है, जिससे परिवार के लिए आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।

धनतेरस पर धनिया खरीदना सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह समृद्धि, आर्थिक उन्नति, और खुशहाली की कामना के साथ जुड़ी हुई एक धार्मिक आस्था भी है।

धनतेरस पर नमक खरीदना चाहिए

धनतेरस का त्योहार भारतीय संस्कृति में समृद्धि, स्वास्थ्य और धन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सोने, चांदी, बर्तन और अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन नमक खरीदने से परहेज करने की भी एक मान्यता है? कई स्थानों पर मान्यता है कि नमक खरीदने से घर में धन का ह्रास होता है। धनतेरस पर समृद्धि का पर्व मनाया जाता है, और इस दिन किसी भी वस्तु का ह्रास अशुभ माना जाता है।

नमक को जीवन में कटुता और कड़वाहट का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस के दिन नमक खरीदने का अर्थ है कि आप अपने घर में तनाव या कटुता को आमंत्रित कर रहे हैं, जो शुभ नहीं है। प्राचीन वैदिक मान्यताओं के अनुसार, नमक को खरीदने या बेचने से दरिद्रता और गरीबी का आगमन होता है। इसलिए लोग इस दिन नमक खरीदने से परहेज करते हैं।

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धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना चाहिए या नहीं

धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा कई लोगों के लिए खास महत्व रखती है। इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं और वास्तु शास्त्र का खास योगदान है। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, मत्स्य पुराण में झाड़ू को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि झाड़ू घर में स्वच्छता लाती है और जहां स्वच्छता होती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए धनतेरस के शुभ अवसर पर झाड़ू खरीदना समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, झाड़ू घर में लक्ष्मी को आमंत्रित करने का साधन भी माना जाता है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से माना जाता है कि घर में साल भर मां लक्ष्मी का वास रहता है और धन की बरकत होती है। इसलिए इस दिन झाड़ू खरीदने को विशेष शुभ माना गया है।

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। सबसे पहले, झाड़ू को सूर्यास्त से पहले खरीदना चाहिए। रात के समय झाड़ू खरीदने से इसे अशुभ माना जाता है। इसके अलावा, झाड़ू हमेशा सम संख्या में ही खरीदनी चाहिए जैसे 2, 4, 6 आदि। विषम संख्या में झाड़ू खरीदने से घर में नकारात्मक प्रभाव आ सकता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, झाड़ू को घर में सही ढंग से रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। झाड़ू को हमेशा लिटा कर रखना चाहिए, न कि खड़ा करके। साथ ही, झाड़ू को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां यह बार-बार दिखाई न दे। टूटे हुए झाड़ू को तुरंत बदल देना चाहिए, क्योंकि टूटी झाड़ू घर की समृद्धि को नष्ट कर सकती है। ध्यान रखें, झाड़ू को कभी पैर से नहीं छूना चाहिए, क्योंकि इसे अपशगुन माना जाता है।

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