बहुत से लोगों को इस बात का संदेह है की किस दिन सूर्य भगवान को जल नहीं देना चाहिए। हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान सूर्य को सप्ताह के सातों दिन जल चढ़ाया जा सकता है। ऐसा कोई भी दिन नहीं है जब सूर्य भगवान को जल चढ़ाने की मनाही की गई हो। कुछ लोगों को लगता है कि शायद शनिवार के दिन सूर्य भगवान को जल नहीं चढ़ाना चाहिए यह पूरी तरीके से गलत जानकारी है। सूर्य भगवान को सप्ताह के सभी दिन जल चढ़ाया जा सकता है।
लेकिन महीने में कुछ ऐसे समय होते हैं जब सूर्य भगवान को जल नहीं चढ़ाना चाहिए, जैसे ग्रहण काल में सूर्य भगवान को भूल कर भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा सूर्य उदय से पहले और सूर्यास्त के बाद भी भगवान सूर्य को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। कुछ लोगों का मानना है की अमावस के दिन भी भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से बचना चाहिए।
भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से लाभ
जो व्यक्ति प्रातः स्नान करके सूर्य उदय के तुरंत बाद सूर्य देव को जल चढ़ता है वह व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ रहता है किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं सताती है। अगर कोई व्यक्ति निरोगी और सर्वदा स्वस्थ रहना चाहता है तो उसे प्रातः काल सूर्य भगवान को जल जरूर चढ़ाना चाहिए। स्वास्थ्य के साथ साथ भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से आर्थिक किल्लत भी दूर होती है, और जल चढ़ाने वाले व्यक्ति को आर्थिक मजबूती के नए रास्ते मिलते हैं। घर में सुख शांति बनी रहती है और लोग बड़ी प्रसन्नता के साथ जीवन यापन करते हैं।
सूर्य को जल देने वाले लोटे में क्या डालें
भगवान सूर्य को जल चढ़ाते समय यह ध्यान रखें की जल स्वच्छ होना चाहिए अगर संभव हो जल धरती के नीचे का होना चाहिए यानी कि कुएं या फिर बोर से निकला हुआ जल हो तो उत्तम है। जल में अक्षय, फूल, चंदन और इत्र डालकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य भगवान की ओर देखते हुए उन्हें जल चढ़ाना चाहिए और इस दौरान सूर्य देवाय नमः बोलते हुए लोटे से जल को धीरे धीरे गिरना चाहिए।
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