पश्चिम के देशो मे हर वर्ष मूर्ख दिवस 1 अप्रैल को मनाया जाता हैं। इस दिन लोग एक दूसरे से मज़ाक कर सकते हैं, कई लोग अपने दोस्तो के साथ इस दिन प्रेंक करते हैं। कई लोगो का मानना हैं की अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत फ्रांस से हुई हैं। ऐसा माना जाता हैं की 1582 में फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को बदलकर नया ग्रेगोरियन कलेंडर को लागू किया था, इस कलेंडर के पहले नया वर्ष 1 अप्रैल को मनाया जाता था। लेकिन नया कलेंडर लागू होने का बाद भी कुछ लोग 1 अप्रैल को ही नया वर्ष मानते थे, इसलिए दूसरे लोग ऐसे लोगो को मूर्ख कहने लगे थे, और यही से 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस कहा जाने लगा। जूलियन कलेंडर मे नया वर्ष 1 अप्रैल को मनाया जाता था, लेकिन नया कलेंडर ग्रेगोरियन आने के बाद नया वर्ष 1 जनवरी को मनाया जाने लगा।
इंग्लैंड के राजा का एक किस्सा हैं, जिसकी वजह से भी 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता हैं। इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ने 32 मार्च को शादी का ऐलान किया था। पूरे इंग्लैंड में खुशियो का माहौल था, लेकिन जैसे ही 31 मार्च का दिन आया लोगो को एहसास हो गया की राजा ने उन्हे मूर्ख बनाया हैं। इसीलिए 1 अप्रैल के दिन लोगो ने मूर्ख दिवस मनाया और अपने दोस्त या फिर पड़ोसियो के साथ मज़ाक या फिर प्रेंक करके पूरा दिन हसी-मज़ाक मे बिताया।
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